रायपुर। छत्तीसगढ़ में भारतमाला परियोजना से जुड़े बहुचर्चित मुआवजा घोटाले की जांच में आज एक बड़ा मोड़ आया, जब आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने रायपुर, नया रायपुर, अभनपुर, दुर्ग-भिलाई, आरंग सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों में एक साथ 20 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह कार्रवाई भारतमाला प्रोजेक्ट में हुई भ्रष्टाचार को लेकर की जा रही है। जांच एजेंसी ने तत्कालीन अभनपुर SDM निर्भय साहू और तत्कालीन तहसीलदार शशिकांत कुर्रे के रायपुर स्थित निवास पर भी दबिश दी है। इनके अलावा कई अन्य राजस्व अधिकारियों और कर्मचारियों के ठिकानों पर भी दस्तावेजों की तलाशी ली जा रही है।
220 करोड़ रुपए तक पहुंचा घोटाले का आंकड़ा
EOW की शुरुआती जांच में यह सामने आया था कि फर्जी दस्तावेजों और मिलीभगत से 43 करोड़ रुपये के मुआवजे का गलत भुगतान किया गया। लेकिन विस्तृत जांच में यह घोटाला 220 करोड़ रुपए से अधिक का बताया जा रहा है। अब तक 164 करोड़ रुपए के संदिग्ध लेन-देन के रिकॉर्ड भी ईओडब्ल्यू के हाथ लगे हैं।
इस गंभीर मामले को लेकर नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने 6 मार्च को प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखकर CBI जांच की मांग की थी। उन्होंने यह मुद्दा विधानसभा के बजट सत्र 2025 में भी उठाया था।