वॉशिंगटन: अमेरिका के दौरे पर पहुंचे भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राष्ट्रपति जो बाइडन से पहली बार आमने-सामने की द्विपक्षीय मुलाकात करेंगे। अफगानिस्तान में अमेरिका की करारी शिकस्त और तालिबान राज आने के बाद यह बैठक हो रही है। माना जा रहा है कि मोदी और बाइडन की मुलाकात में अफगानिस्तान में तालिबान राज लाने में पाकिस्तानी भूमिका का मुद्दा छाया रह सकता है। इस बीच अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने पीएम मोदी के साथ मुलाकात के दौरान पाकिस्तानी आतंकवाद का खुद से ही उल्लेख करके अमेरिका के इरादे भी साफ कर दिए हैं।
भारत ने अमेरिका से कई बार अफगानिस्तान में अस्थिरता से क्षेत्र पर पड़ रहे दुष्प्रभाव पर गंभीर चिंता जताई है। सूत्रों के मुताबिक इस मुलाकात के दौरान पीएम मोदी बाइडन से तालिबान सरकार को पर्दे के पीछे मिल रही पाकिस्तानी मदद का मुद्दा पुरजोर तरीके से उठा सकते हैं। एक ऐसी तालिबानी सरकार जो अभी तक समावेशी नहीं है और आतंकियों से भरी हुई है। भारत इस पहलू की ओर भी बाइडन का ध्यान दिलाएगा कि तालिबान में सरकार बनाने को लेकर गतिरोध चल रहा था लेकिन पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के चीफ जनरल फैज हामिद की यात्रा के बाद सरकार का ऐलान हो गया।
पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगाए जाने की उठ रही मांग
यही नहीं तालिबान की अंतरिम सरकार में करीब 10 मिलियन डॉलर के इनामी सिराजुद्दीन हक्कानी को अफगानिस्तान का गृहमंत्री बना दिया गया। सिराजुद्दीन हक्कानी आतंकी गुट हक्कानी नेटवर्क से ताल्लुक रखता है जिसे पाकिस्तान का पूरा समर्थन है। हक्कानी नेटवर्क के आतंकियों ने ही वर्ष 2008 में काबुल में भारतीय दूतावास पर हमला किया था। यही नहीं तालिबान का समर्थन करने के लिए पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगाए जाने की मांग पूरी दुनिया में उठ रही है। खुद अमेरिकी मीडिया पाकिस्तानी भूमिका पर सवाल उठा रहा है। सूत्रों के मुताबिक अभी तालिबान सरकार को मान्यता देने का सवाल ही नहीं उठ रहा है क्योंकि उसने अभी तक एक समावेशी सरकार का गठन नहीं किया है।
उधर, पाकिस्तान लगातार तालिबान के पक्ष में लामबंदी कर रहा है और तालिबानी प्रवक्ता का कहना है कि पहले दुनिया उसे मान्यता दे तब वह दुनिया की बातों को मानेगा। भारत की अध्यक्षता में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ओर से जारी एक प्रस्ताव में साफ कहा गया था कि तालिबान को महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों को देना होगा। सभी पक्षों को राजनीतिक समाधान के लिए उत्साहित करना होगा। हालांकि हकीकत में ऐसा होता नहीं दिख रहा है। इन सबके बाद भी पाकिस्तान और चीन तालिबान सरकार के साथ खड़े दिखाई पड़ रहे हैं।
भारत ने अफगानिस्तान में गैर-समावेशी सरकार पर उठाए सवाल
पीम मोदी और बाइडन के बीच करीब 45 मिनट तक बातचीत होनी है। यह भारतीय समयानुसार रात करीब 8 बजे के आसपास होगी। बाइडन और मोदी के बीच यह पहली आमने-सामने की मुलाकात होगी। हालांकि इससे पहले बाइडन और पीएम मोदी वर्ष 2014 में मिल चुके हैं। उस समय बाइडन ओबामा प्रशासन में उपराष्ट्रपति थे। इस बीच भारत ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र में कहा कि अफगानिस्तान में सत्ता हस्तांतरण बातचीत के बगैर और गैर-समावेशी तरीके से हो रहा है, जिससे इसकी स्वीकार्यता पर सवाल खड़े होते हैं।
विदेश मंत्रालय में भारत की सचिव (पश्चिम) रीनत संधू ने लोकतंत्रों के समुदाय के 10 वें मंत्रालयी सम्मेलन ‘डेमोक्रेसी ऐंड रिसाइलेंस: शेयर्ड गोल्स’ में कहा कि यह जरूरी है कि अफगानिस्तान में नयी सरकार व्यापक आधार वाली और समावेशी, महिलाओं और अल्पसंख्यकों सहित अफगान समाज के सभी हिस्सों का नेतृत्व करने वाली हो। संधू ने कहा, ‘पिछले महीने से हमने अफगानिस्तान में नाटकीय बदलाव देखे हैं। बातचीत के बगैर और गैर-समावेशी तरीके से सत्ता हस्तांतरण हो रहा है, जो इसकी स्वीकार्यता पर सवाल खड़े करता है। ’
रीनत संधू ने पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘जो आतंक का इस्तेमाल करते हैं और उसे पनाह देते हैं, लोकतांत्रिक मूल्यों या संस्थानों का सम्मान नहीं कर सकते। बहुलवाद, विविधता, मानवाधिकार तथा स्वतंत्रता उनके लिए कोई मायने नहीं रखते हैं जो आतंक और कट्टरपंथ का उपदेश देते हैं। लोकतंत्रों का समुदाय होने के तौर पर हमें अवश्य ही आतंकवाद और आतंकी गतिवधियों को अंजाम देने वालों के खिलाफ दृढ़ता से खड़ा रहना चाहिए। ’
पाकिस्तानी आतंकवाद पर कमला हैरिस ने क्या कहा
अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने PM मोदी से मुलाकात के दौरान आतंकवाद को बढ़ावा देने पर पाकिस्तान को लताड़ लगाई है। उन्होंने साफ कहा है कि पाकिस्तान में आतंकी संगठन काम कर रहे हैं। हैरिस ने मांग की कि इस्लामाबाद इस पर ऐक्शन ले ताकि अमेरिका और भारत की सुरक्षा पर असर न पड़े। विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने बताया है कि जब आतंकवाद का मुद्दा आया तो हैरिस ने खुद ही इसे लेकर पाकिस्तान की भूमिका का जिक्र किया।
श्रृंगला ने बताया है कि हैरिस ने कहा है कि पाकिस्तान में आतंकी संगठन काम कर रहे हैं। उन्होंने पाकिस्तान से कार्रवाई को कहा है ताकि अमेरिका और भारत की सुरक्षा पर असर न पड़े। उन्होंने सीमा पार आतंकवाद और दशकों से भारत के इसका शिकार होने की बात पर सहमति भी जताई। उन्होंने माना कि ऐसे आतंकी संगठनों को पाकिस्तान से मिल रहे सपॉर्ट को करीब से मॉनिटर करने की जरूरत है।