देश भर में कोरोना वायरस की दूसरी लहर तबाही मचा रही है। इसके संक्रमण की दर तेजी से बढ़ती दिख रही है। कोरोना के बचाव हेतु शासन-प्रशासन द्वारा लोगों को टीकाकरण के लिए अपील की जा रही है। छत्तीसगढ़ प्रदेश में अब विभिन्न श्रेणी के लोगों को फ्रंट लाइन कोरोना वर्कर मानते हुए उनका टीकाकरण किया जाएगा। इस श्रेणी में ऐसे लोगों को शामिल किया गया है जो कोरोना महामारी के दौरान भी अपना काम कर रहे है।
इस श्रेणी के लोगों को माना गया है फ्रंट लाइन कोरोना वर्कर -
● स्वास्थ्य विभाग द्वारा परिभाषित कोमार्बिडिटी वाले व्यक्ति
● राज्य के पत्रकार, वकील व उनके परिजन
● आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन
● सब्जी विक्रेता और भोजन प्रदाय करने वाले सब्जी
● बस ड्राइवर कंडक्टर
● गांव के कोटवार एवं पटेल
● इंस्टीट्यूशनल केयर में रहने वाली महिलाएं
● पंचायत सचिव/कर्मी, पीडीएस दुकान प्रबंधक और विक्रेता
● राज्य सरकार के कर्मचारी, राज्य पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग के कर्मचारी और उनके इमिडियेट परिजन
● वृद्धाश्रम में, महिला देखभाल केन्द्रों एवं बाल देखभाल में कार्यरत व्यक्ति
● श्मशान,कब्रिस्तान में कार्य करने वाले व्यक्ति
● दिव्यांग व्यक्ति, आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाली अर्धशासकीय संस्थाओं जैसे- प्राथमिक कृषि सहकारी समिति, मार्कफेड, सहकारी बैंक में कार्यरत कर्मचारी
● कलेक्टर द्वारा कोरोना ड्यूटी पर लगाए गए व्यक्ति
बता दें कि राज्य शासन द्वारा परिभाषित किसी अन्य श्रेणी के व्यक्ति को भी इसमें शामिल किया गया है। छत्तीसगढ़ में कोरोना की दूसरी लहर से संक्रमण की गति तेज हुए थी लेकिन बताया जा रहा है कि अब संक्रमण दर में गिरावट देखी जा रही है। छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन लगाया गया है हालांकि अभी स्थिति को देखते हुए कुछ जरूरी चीजों के बिक्री में रियायतें दी गई है।
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