कोपरा- शुक्रवार को सिंचाई विभाग के एसडीओ सुबह 10 बजे टूटे तटबंध के निरीक्षण में पहुंचे। वही शाम को दोबारा जिला के ई भी निरीक्षण में पहुंचे। निरीक्षण में पहुंचे जिला के ई एस के बर्मन व पांडुका सिंचाई विभाग के एसडीओ केआर साहू ने टूटे तटबंध की स्थिति व उससे हर साल नुकसान हो रहे धान की फसल पर खेद व्यक्त करते हुए कहा कि तटबंध निर्माण के लिए जल्द ही रिपोर्ट बनाकर शासन को भेजा जाएगा। साथ ही उन्होंने निरीक्षण के दौरान उपस्थित जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों से कहा कि अभी तत्काल में फसल को बाढ़ से बचाने वैकल्पिक व्यवस्था के लिए कलेक्टर में आवेदन करने कहा गया। टूटे तटबंध से हर साल होने वाले फसल नुकसान से किसानों को होने वाले आर्थिक नुकसान को लेकर पत्रिका ने 30 अप्रेल व 15 जुलाई को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। ज्ञात हो कि कोपरा-तर्रा गांव के पैरी नदी किनारे खेतो की फसलों को बारिश के सीजन में बाढ़ से बचाने नदी तट पर लगभग 25 साल पूर्व मिट्टी व बोल्डर से बनाये गए अस्थाई तटबंध बीते कई सालों से जर्जर हो चुका है। उसी जर्जर तटबंध काटकर बीते 5 सालों से रेत ठेकेदार द्वारा नदी से रेत निकाला जा रहा था। लेकिन बारिश लगने के पूर्व तोड़े गए तटबंध को पत्थर व मिट्टी से मरम्मत करने के बजाय रेतीले मिट्टी से ही तटबंध का मरम्मत कर दिये जाने के कारण तटबंध बाढ़ के तेज बहाव में टूटकर दोनों गांवो के किसानों के खेतो में लगी फसलों को प्रति वर्ष भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं। पिछले कई सालों से किसान तटबंध की स्थाई निर्माण करने की मांग शासन प्रशासन से करते आ रहे हैं। लेकिन किसानों की इस गंभीर समस्या की ओर अब तक कोई ध्यान नही दिया जा रहा है। निरीक्षण में पहुंचे सिंचाई विभाग के अधिकारी को किसानों ने बताया कि टूटे तटबंध से तो हर साल दोनों गांव के लगभग 500 एकड़ खेतों में बाढ़ का पानी घुसता ही है। जबकि पिछले कई सालों से इसी बाढ़ के कारण सैकड़ों किसानों का लगभग 500 एकड़ से ज्यादा खेत पट चुका है। जिसमे अब खेती करना तो दूर की बात किसानों को अपने जमीन का ही पता नहीं है। अगर नदी तट पर स्थाई तटबंध बन जाता है तो पटे खेतो को सीमांकन कर निकाला जा सकता है। निरीक्षण के दौरान सिंचाई विभाग के अमले के साथ जनपद उपाध्यक्ष योगेश साहू, ग्राम पटेला श्यामलाल निषाद, केवल साहू, दिलीप वर्मा, नंदू तारक सहित अन्य किसान उपस्थित थे।
इस संबंध में सिंचाई विभाग के ई एस के बर्मन ने बताया कि वैकल्पिक व्यवस्था के लिए कलेक्टर के पास फाइल भेजा जाएगा। वही स्थाई तटबंध निर्माण के लिए पूर्व में भी बजट में लाया गया था, जिसमे बजट ज्यादा होने के कारण स्वीकृति नही हो पाया। इस बार भी दोबारा स्थाई निर्माण के लिए शासन को भेजा जाएगा, देखते हैं बजट में स्वीकृत हो जाय तो अच्छी बात है।